ट्रंप के राष्ट्रपति रहते भी उनकी कंपनी विदेश में करेगी व्यापार, नैतिक समझौते पर उठे सवाल

वाशिंगटन।

अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के परिवार ने शुक्रवार को स्वैच्छिक तौर पर एक नैतिक समझौता जारी किया। इस समझौते के तहत डोनाल्ड ट्रंप अपनी कंपनी ट्रंप ऑर्गेनाइजेशन के मामलों में शामिल नहीं होंगे ताकि ट्रंप के राष्ट्रपति रहते हुए हितों का टकराव न हो।

साथ ही इस नैतिक समझौते के तहत ट्रंप ऑर्गेनाइजेशन विदेशी निजी कंपनियों के साथ व्यापार सौदे कर सकेगी। हालांकि ट्रंप ऑर्गेनाइजेशन सीधे तौर पर विदेशी सरकारों के साथ सौदे नहीं कर सकेगी।

नैतिकता समझौते में क्या हैं प्रावधान
गौरतलब है कि साल 2016 में ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान भी ट्रंप परिवार ने ऐसा ही एक नैतिकता श्वेत पत्र जारी किया था। हालांकि पिछले नैतिकता श्वेत पत्र में ट्रंप की कंपनी को विदेशी सरकारों के साथ ही विदेशी कंपनियों के साथ भी व्यापार पर रोक का प्रावधान है। इस बार नैतिकता समझौते में बदलाव किया गया है और ट्रंप ऑर्गेनाइजेशन को विदेशी कंपनियों के साथ व्यापार की छूट दी गई है। ट्रम्प की कंपनी की तरफ से यह घोषणा भी की गई है कि वह पहले कार्यकाल की तरह सौदों की जांच करने के लिए एक नैतिक सलाहकार की नियुक्ति करेगी।

नैतिकता विशेषज्ञों ने जताई चिंता
ट्रम्प ऑर्गेनाइजेशन ने हाल ही में वियतनाम, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात में होटल और गोल्फ रिसॉर्ट के लिए सौदे किए हैं, जिस पर सरकारी नैतिकता विशेषज्ञों और निगरानीकर्ताओं ने चिंता जाहिर की है। नैतिकता विशेषज्ञों को चिंता है कि ट्रम्प के व्यक्तिगत वित्तीय हित उन देशों के प्रति अमेरिका की नीति को प्रभावित कर सकते हैं। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि ट्रंप प्रशासन में पिछले कार्यकाल की तुलना में भ्रष्टाचार का पैमाना ज्यादा बड़ा होगा। उल्लेखनीय है कि अमेरिकी कानून के तहत, संघीय सरकार के अधिकारियों को ऐसे व्यवसायों में वित्तीय हित रखने की अनुमति नहीं है जो सार्वजनिक नीति पर उनके विचार को प्रभावित कर सकते हैं। अक्सर अधिकारियों को हितों के टकराव से बचने के लिए अपने शेयर बेचने के लिए मजबूर किया जाता है। अमेरिकी राष्ट्रपतियों को नैतिकता प्रतिबंध से बाहर रखा गया है, लेकिन ट्रम्प को छोड़कर अन्य सभी राष्ट्रपतियों ने स्वेच्छा से कानून का पालन किया है।

हितों के टकराव को लेकर निशाने पर रहे हैं ट्रंप
अपने पहले कार्यकाल में, ट्रम्प ने अपने राष्ट्रपति पद की शुरुआत में हितों के टकराव की उपस्थिति से बचने का वचन दिया, लेकिन उन पर आरोप है कि उन्होंने अपनी संपत्तियों के लिए खुले तौर पर व्यवसाय को बढ़ावा दिया। उन्होंने एक बार फ्लोरिडा के डोरल में अपने गोल्फ रिसॉर्ट में वैश्विक नेताओं की जी-7 बैठक आयोजित करने की कोशिश की थी। हालांकि आलोचना के बाद उन्हें यह विचार त्यागना पड़ा। ट्रंप ऑर्गेनाइजेशन के पास भारत, तुर्की और कई अन्य देशों में ट्रम्प के नाम वाली इमारतें भी हैं। साथ ही स्कॉटलैंड में दो और आयरलैंड में एक गोल्फ कोर्स हैं। ट्रंप ऑर्गेनाइजेशन के पास ओमान और इंडोनेशिया सहित अन्य देशों में रिसॉर्ट बनाने की भी योजना है।

India Edge News Desk

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